Maharajganj

प्राइवेट गाड़ी से रिएलिटी चेक करने निकले एसपी, सिसवा में बुलेट वाले दरोगा ने दौड़ाकर पकड़ी गाड़ी

 

महराजगंज टाइम्स ब्यूरो : पुलिस की सक्रियता जांच करने के लिए पुलिस अधीक्षक सोमेंद्र मीना ने शनिवार को एक नई पहल की । इसके लिए उन्होंने पहले स्वयं ही कंट्रोल रूम से एक गाड़ी नंबर को संदिग्ध बताते हुए उसे पकड़ने का निर्देश दिया इसके बाद स्वयं उसी गाड़ी में सवार होकर क्षेत्र भ्रमण पर निकल पड़े। इस रियलिटी चेक में जहां भिटौली, घुघली और सिंदुरिया थाने की पुलिस फेल हो गई वहीं, कोतवाली, सिसवा और निचलौल में गाड़ी पकड़ ली गई । यही नहीं सिसवा चौकी प्रभारी राजेंद्र कुमार सिंह ने तो बुलेट से कार को दौड़ाकर पकड़ा लेकिन बाद में जब एसपी से सामना हुआ तो जांच की बात खुल गई । दरअसल महराजगंज जिला मुख्यालय के कंट्रोल रूम से सूचना देने के बाद जैसे ही कार नगर के सक्सेना चौक तक पहुंची तुरंत नगर चौकी पुलिस ने कार को रोक लिया । इसके बाद कार आगे बढ़ी तो भिटौली थाना क्षेत्र के शिकारपुर चौराहे पर पुलिसकर्मी खड़े तो थे लेकिन गाड़ी को नहीं रोका।  गाड़ी फिर आगे बढ़ी तो घुघली थाना और घुघली कस्बे की पुलिस भी कंट्रोल रूम के सूचना को लेकर बेफिक्र दिखी। कार आगे बढ़ती गई, जैसे ही सिसवा कस्बे के ई स्टेट चौक पर गाड़ी बढ़ी कि अचानक ही 15 से अधिक पुलिसकर्मियों ने गाड़ी को घेरकर दरवाजा पीटना शुरू कर दिया । जिसके बाद कार में पीछे मास्क लगाकर बैठे एसपी जब बाहर निकले तो पुलिसकर्मियों को जांच की बात पता चली हालांकि एसपी ने यह बात अपने तक ही सीमित रखने का निर्देश देकर आगे बढ़ गए। अभी गाड़ी सिसवा कस्बे से बाहर निचलौल की तरफ बढ़ी ही थी, कि तभी क्षेत्र भ्रमण से बुलेट से लौट रहे सिसवा चौकी प्रभारी राजेंद्र कुमार सिंह की नजर गाड़ी पर पड़ गई जिसके बाद चौकी प्रभारी ने बाइक घुमाकर गाड़ी का पीछा शुरू कर दिया करीब एक किमी दूरी पर जाकर कार को आगे से रोक लिया । जिसपर कप्तान ने उपनिरीक्षक की सराहना की । इसके बाद निचलौल में दो स्थानों पर कार रोकी गई लेकिन अंत में सिंदुरिया थाने पर पुलिस की सक्रियता शून्य दिखी । हालांकि पुलिस अधीक्षक ने गाड़ी को स्वयं ही मिठौरा चौकी पर खड़ी कर खुली छूट दी बावजूद इसके पुलिस निष्क्रिय पड़ी रही।  
पुलिस अधीक्षक सोमेंद्र मीना ने बताया कि समय समय पर इस प्रकार की जांच की जाती है। जिन पुलिसकर्मियों ने बेहतर जांच किया है, उन्हे प्रशस्ति पत्र देने के लिए नाम मांगे गए हैं तथा जहां पर लापरवाही हुई है, वहां सुधार के लिए चेतावनी दी गई है।

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